Class 10 Science Chemistry Chemical Reactions and Equations Important MCQs Questions | रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
क्या आप कक्षा 10 के छात्र हैं और रसायन विज्ञान (Chemistry) के रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण (Rasayanik Abhikriya avm Samikaran) अध्याय के लिए objective questions की तैयारी कर रहे हैं? यहां OFFICER RANK आपके लिए Class 10 Science Objective Question in Hindi लेकर आए हैं, जिससे आपकी तैयारी और भी मजबूत होगी। इन प्रश्नों को हल करें और Class 10 SCIENCE Objective PDF Download करें।
Rasayanik Abhikriya avm Samikaran: Class 10 Chemistry Objective Questions | Chemistry Chemical Reactions and Equations MCQs Questions | रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्न में से किस की सहायता से हम निर्धारित कर सकते हैं की एक रासायनिक अभिक्रिया हुई है ?
2. मैग्नीशियम रिबन जलने के बाद श्वेत चूर्ण में परिवर्तित हो जाता है यह श्वेत चूर्ण किसका बना होता है ?
3. अभिकारक किसे कहते है ?
4. अभिकारकों को किस ओर लिखा जाता है ?
5. अभिकारक में रासायनिक परिवर्तन से एक नये पदार्थ का निर्माण होता है उसे क्या कहते हैं ?
6. अभिकारक और उत्पाद के बीच तीर का सिरा किसकी तरफ होता है ?
7. जब दोनों ओर तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान हो तब समीकरण कैसा होगा ?
8. ऑक्सीजन की उपस्थिति में मैग्नीशियम रिबन के दहन का रासायनिक समीकरण क्या होगा ?
9. सबसे छोटी पूर्णांक संख्या के गुणांक का उपयोग करके समीकरण को संतुलित करने की विधि को क्या कहते हैं?
10. अभिक्रिया की परिस्थितियाँ जैसे कि ताप, दाब, उत्प्रेरक आदि को समीकरण में कहाँ दर्शाया जाता है ?
11. अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उस अभिक्रिया को क्या कहते हैं ?
12. उष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
13. उस अभिक्रिया को क्या कहेगें जिसमें एकल अभिकर्मक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करता है ?
14. जीवित रहने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऊर्जा हमें कहाँ से प्राप्त होती है ?
15. ऊष्माशोषी अभिक्रिया किसे कहते हैं ?

19. किसी अभिक्रिया में पदार्थ का अपचयन कब होता है ?
Ans (d) (b) और (c) दोनों
रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. रासायनिक समीकरण क्या है? इससे क्या-क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर: रासायनिक समीकरण जिस प्रकार प्रतीक किसी तत्व के एक परमाणु और सूत्र पदार्थ के एक अणु को व्यक्त करता है, उसी प्रकार रासायनिक समीकरण से वास्तविक रासायनिक अभिक्रिया व्यक्त होती है। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भिन्न-भिन्न अणु भाग लेते हैं और उनमें उपस्थित परमाणुओं अथवा मूलकों की अदला-बदली के पश्चात् नए प्रकार के अणु बनते हैं। इन सब अणुओं को सूत्रों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
उदाहरणार्थ:
सोडियम क्लोराइड और सिल्वर नाइट्रेट की अभिक्रिया को सूत्रों की सहायता से निम्नलिखित प्रकार से निरूपित किया जा सकता है –
यहाँ पर AgNO3 और NaCl अभिकारक तथा AgCl और NaNO3 परिणामी अथवा उत्पाद हैं। रासायनिक अभिक्रिया को इस प्रकार निरूपित करने को रासायनिक समीकरण (chemical equation) कहते हैं। इस प्रकार “किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों तथा अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले उत्पादों या परिणामी पदार्थों को प्रतीकों तथा सूत्रों द्वारा निरूपित करने को रासायनिक समीकरण कहते हैं।” कैल्सियम कार्बोनेट पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से कैल्सियम क्लोराइड और जल बनते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। इस अभिक्रिया के लिखने का स्वरूप अर्थात् रासायनिक समीकरण निम्नवत् है।
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + H2O + CO2
रासायनिक समीकरण से निम्नलिखित तथ्यों की जानकारी प्राप्त होती है
- रासायनिक समीकरण से, रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
- रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न उत्पादों का ज्ञान हो जाता है।
- रासायनिक समीकरण में अभिकारकों तथा उत्पादों के परमाणुओं तथा अणुओं की संख्या का बोध होता है। दूसरे शब्दों में, उनकी मोल संख्या का बोध होता है; क्योंकि किसी पदार्थ के प्रतीक या सूत्र से उस पदार्थ के एक मोल का बोध होता है।
- रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों तथा उत्पादों की मोल संख्या ज्ञात होने पर उनके द्रव्यमान की जानकारी प्राप्त होती है।
- रासायनिक अभिक्रिया में यदि कोई अभिकारक या उत्पाद गैसीय अवस्था में है तो उसके आयतन की जानकारी प्राप्त होती है। क्योंकि किसी गैस के एक ग्राम अणुभार का आयतन मानक ताप तथा दाब पर 22.4 लीटर होता है; अत: गैसीय पदार्थों के अणुओं की संख्या को 22.4 लीटर से गुणा करके उसका आयतन ज्ञात कर लेते हैं।
- रासायनिक अभिक्रिया के अभिकारकों का कुल द्रव्यमान, उत्पादों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। इससे द्रव्यमान संरक्षण के नियम (पदार्थों के अविनाशिता के नियम) की पुष्टि होती है।
प्रश्न 2. रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर: रासायनिक अभिक्रिया जब एक या एक-से-अधिक पदार्थ परस्पर अभिक्रिया करके नए पदार्थ बनाते हैं तो ऐसी अभिक्रिया को ‘रासायनिक अभिक्रिया’ कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
मैग्नीशियम जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन गैस बनती है। इस अभिक्रिया को निम्नलिखित समीकरण से प्रदर्शित करते हैं –
इस अभिक्रिया में, मैग्नीशियम तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को अभिकारक (reactants) तथा मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन को परिणामी या उत्पाद (resultants or product) कहते हैं। इस सम्पूर्ण क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों (अभिकारकों) तथा बनने वाले पदार्थों (उत्पादों) को रासायनिक सूत्रों द्वारा समीकरण के रूप में दर्शाने को अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण कहते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार:
मुख्य रूप से रासायनिक अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार की होती है –
1. संयोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें दो या दो-से-अधिक प्रकार के पदार्थों के अणु परस्पर जुड़कर केवल एक ही प्रकार के पदार्थ के अणु बनाते हैं। उदाहरणार्थ:
(i) सोडियम (Na) धातु, क्लोरीन (Cl) में जलकर सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनाती है –
(ii) कार्बन मोनोक्साइड (CO) तथा क्लोरीन (Cl2) की क्रिया से कार्बोनिल क्लोराइड (COCl2) बनता है –
(iii) मैग्नीशियम (Mg), वायु अथवा ऑक्सीजन में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (Mgo) बनाता है –
मैग्नीशियम ऑक्सीजन मैग्नीशियम ऑक्साइड संयोजन अभिक्रियाओं में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन; जैसे-ऐल्कीन अथवा ऐल्काइन अणु का किसी परमाणु अथवा परमाणु समूह से योग होता है तथा असंतृप्त अणु का कोई भाग अणु से पृथक् नहीं होता है। एथिलीन (C2H4) तथा ऐसीटिलीन (C2 H2) हैलोजेन, हाइड्रोजन, सल्फ्यूरिक अम्ल, हाइड्रोजन सायनाइड, ऐल्कोहॉल आदि से संयोजन अभिक्रियाएँ करते हैं।
इनमें असंतृप्त यौगिक असंतृप्तता कम करके संतृप्त यौगिकों में परिवर्तित हो जाता है।
- वियोजन अभिक्रिया वियोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें कोई यौगिक
अपने अवयवी तत्वों अथवा छोटे-छोटे सरल यौगिकों में वियोजित हो जाता है। यह अभिक्रिया ऊष्मा, प्रकाश अथवा विद्युत द्वारा सम्पन्न होती है। वियोजन अभिक्रिया निम्नलिखित दो प्रकार की होती है
(a) ऊष्मीय-वियोजन (Thermal decomposition) “जब किसी पदार्थ के वियोजन की अभिक्रिया ऊष्मा देने पर होती है तो उसे ऊष्मीय वियोजन कहते हैं।”
उदाहरणार्थ:
(i) पोटैशियम क्लोरेट का वियोजन पोटैशियम क्लोरेट (KClO) को गर्म करने पर यह पोटैशियम क्लोराइड (KCI) तथा ऑक्सीजन में वियोजित होता है –(ii) कैल्सियम कार्बोनेट का वियोजन कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर यह कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में वियोजित होता है –(iii) फेरस सल्फेट का वियोजन फेरस सल्फेट को गर्म करने पर यह फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा सल्फर ट्राइऑक्साइड में वियोजित होता है।(iv) मरकरी ऑक्साइड का वियोजन मरकरी ऑक्साइड को गर्म करने पर यह मरकरी तथा ऑक्सीजन में वियोजित होता है –
(b) विद्युत वियोजन (Electrolysis or electrolytic decomposition) “जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिक (गलित अवस्था में या जलीय विलयन में) का विद्युत प्रवाहित करने पर वियोजन होता है, उसे विद्युत वियोजन कहते हैं।’
उदाहरणार्थ:
(i) सोडियम क्लोराइड का विद्युत-वियोजन गलित सोडियम क्लोराइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह सोडियम तथा क्लोरीन में वियोजित हो जाता है
(ii) जल का विद्युत-वियोजन जब अम्लीय जल में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो जल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है।
(iii) ऐलुमिनियम ऑक्साइड का विद्युत-वियोजन गलित ऐलुमिनियम ऑक्साइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह ऐलुमिनियम तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है –
- विस्थापन या प्रतिस्थापन अभिक्रिया विस्थापन वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा समूह (मूलक) के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा समूह (मूलक) आ जाता है।
उदाहरणार्थ:
(i) लोहा (Fe), कॉपर सल्फेट (CuSO4) विलयन में से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं आ जाता है। फलस्वरूप, फेरस सल्फेट तथा कॉपर (Cu) बनते हैं।(ii) मैग्नीशियम (Mg), क्यूप्रिक क्लोराइड के विलयन से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं उसका स्थान ले लेता है तथा कॉपर और मैग्नीशियम क्लोराइड बनते हैं।(iii) जब जिंक (Zn), सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ क्रिया करता है तो सल्फ्यूरिक अम्ल की हाइड्रोजन को विस्थापित करके उसका स्थान स्वयं ले लेता है। इसके फलस्वरूप, जिंक सल्फेट बनता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है –(iv) साधारण अवस्था में ओलीफिन (olefins) विस्थापन अभिक्रिया नहीं देते हैं किन्तु उच्च ताप पर इनमें भी प्रतिस्थापन हो जाता है; जैसे-एथिलीन को क्लोरीन के साथ 450-650°C ताप पर गर्म करने से एथिलीन का एक हाइड्रोजन परमाणु क्लोरीन के परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है – - उभय-प्रतिस्थापन या द्वि-विस्थापन अभिक्रिया:
जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिकों के आयनों अथवा घटकों की अदला-बदली (विनिमय) हो जाती है तथा नए यौगिक बनते हैं, वह उभय-प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती है। यह अभिक्रिया यौगिकों के विलयनों के मध्य होती है।
उदाहरणार्थ:
(i) जब बेरियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम सल्फेट का विलयन मिलाते हैं तो बेरियम सल्फेट व सोडियम क्लोराइड बन जाते हैं –
(ii) जब कॉपर सल्फेट के विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं तो कॉपर हाइड्रॉक्साइड व सोडियम सल्फेट बन जाते हैं Cuso. + 2NaOH
(iii) जब फेरिक क्लोराइड के विलयन में अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं।
(iv) जब सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में सोडियम क्लोराइड का विलयन मिलाते हैं तो सिल्वर क्लोराइड व सोडियम नाइट्रेट बन जाते हैं –
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में पहचान कीजिए कि किस पदार्थ का उपचयन (ऑक्सीकरण) और किस पदार्थ का अपचयन होता है? पदार्थ के उपचयन और अपचयन की आयनिक अभिक्रियाएँ लिखिए –
- H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
- H2(g) + Cuo(s) → Cu(s) + H2O(l)
- 2H2S(g) + SO2(g) → 3S(s)+2H2O(l)
- Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
- 2Al(s)+6HCl(aq) → 2AICI3(aq) + 3H2(g)
उत्तर: 1. H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन का उपचयन (ऑक्सीकरण) होता है और क्लोरीन का अपचयन होता है।
आयनिक अभिक्रिया –
- H2(g) + Cu0(s) → Cu(s) + H2O(l)
इस अभिक्रिया में H2उपचयित होती है और Cu0 अपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया – - 2H2S(g)+ SO2(g) → 3S(s) + 2H2O(l)
इस अभिक्रिया में H2S उपचयित होता है और SO2अपचयित होती है।
आयनिक अभिक्रिया – - Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
इस अभिक्रिया में AgNO का अपचयन होता है तथा जिंक उपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया – - 2Al(s) + 6HCl(aq) → 2ACl3(aq) + 3H2(g)
इस अभिक्रिया में ऐलुमिनियम उपचयित होता है तथा हाइड्रोजन अपचयित होती है।
प्रश्न 4. लोहे की वस्तओं को हम क्यों पेंट करते हैं ?
उत्तर: पेंट करने से लोहे के पदार्थ का ऊपरी भाग छुप जाता है। वह वायु के साथ सीधे संपर्क में नहीं आता है जिसके कारण उसमें जंग नहीं लगता। इसलिए पेट करने से हम लोहे के उस पदार्थ को जंग लगने से बचा सकते हैं।
प्रश्न 5. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है ?
उत्तर: तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को वायुरोधी बर्तनों में रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। तेल एवं वसायुक्त पदार्थ को नाइट्रोजन से भी इसीलिए युक्त किया जाता है ताकि उसमें उपचयन न हो सके।
प्रश्न 6. कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे का एक टुकड़ा डाल देने पर विलयन का रंग क्यों बदल जाता है ?
उत्तर: जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो वह भूरे रंग का हो जाता है। लोहा कॉपर सल्फेट के घोल में से कॉपर को विस्थापित कर देता है।
Fe+CuSO 4 → FeSO 4 +Cu
प्रश्न 7. उत्प्रेरक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: वैसे पदार्थ जो स्वयं रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेते हैं लेकिन प्रतिक्रिया के वेग को बढ़ाते हैं या घटाते हैं, उसे उत्प्रेरक कहते हैं। जैसे-Fe उत्प्रेरक की उपस्थिति में बेंजीन के हाइड्रोजन परमाणु का क्लोरीन परमाणु द्वारा प्रतिस्थापन-
C 6 H6+Cl 2 → C6H 5Cl + HCl
बेंजीन + क्लोरीन → क्लोरोबेंजीन + हाइड्रोजन क्लोराइड
प्रश्न 8. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर: यदि मैग्नीशियम रिबन नम वायु के संपर्क में रहता है तो उस पर सफेद रंग की मैग्नीशियम ऑक्साइड की पर्त जम जाती है, यह पर्त मैग्नीशियम के जलने में अवरोध पैदा करती है। इसलिए मैग्नीशियम रिबन को पहले रेगमार से साफ किया जाता है।
प्रश्न 9. प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या हैं ? उदाहरण दे ।
उत्तर: वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अधिक अभिक्रियाशील धातु अपने से कम अभिक्रियाशील धातु को यौगिक के विलयन या गलित अवस्था से विस्थापित कर देती है उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
Fe+CuSO 4 → FeSO 4 +Cu
इस रासायनिक अभिक्रिया में Fe जो कि अधिक अभिक्रियाशील है Cu की अपेक्षा उसे विस्थापित कर उसके स्थान पर स्वयं को प्रतिस्थापित कर रहा है।
प्रश्न 10. वियोजन अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: वियोजन अभिक्रिया-जब एक बड़ा यौगिक टूटकर दो या दो से अधिक यौगिकों में परिणत हो जाता है तो वैसी अभिक्रिया वियोजन अभिक्रिया कहलाती है।
2KCIO 3 → 2KCl+302
प्रश्न 11. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है ? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है ? .
उत्तर: संतुलित रासायनिक समीकरण वह है जिसमें अभिकारकों और उत्पादों में विभिन्न तत्त्वों के परमाणुओं की संख्या समान होती है। रासायनिक अभिक्रियाओं में द्रव्यमान के संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरण संतुलित होनी चाहिए।
प्रश्न 12. ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ?
उत्तर: ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया – ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा निकलती हैं, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
उदाहरण — मीथेन दहन की अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
CH4 (g) + 2O2 (g) → CO2 (g) + 2H20 (g) + ऊर्जा (880.4 kJ mol-1)
ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ – ऐसी अभिक्रियाओं को जिनमें ऊष्मा अवशोषित होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहते हैं।
उदाहरण — बेरियम डाइऑक्साइड तथा अमोनियम थायासायनेट की अभिक्रिया ऊष्माशोषी है। .
Ba(OH)2.8H2O(s)+2NH4 SCN(s) → Ba(SCN)2 (aq)+2NH3 (aq) + 10H2O (l)
प्रश्न 13. अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण देकर समझाएँ।
उत्तर: जब दो विलयनों को मिलाया जाता है और उनकी अभिक्रिया से श्वेत रंग के एक पदार्थ का निर्माण होता है जो जल में अविलेय है, तो इस अविलेय पदार्थ के अवक्षेप कहते हैं । जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
Na2SO 4 (aq) + BaCl 2 (aq) → BaSO4 (s) + 2NaCl (aq)
Ba 2+ तथा SO 42– अभिक्रिया से BaSO4 के अवक्षेप का निर्माण होता है।
प्रश्न 14. श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर: हमें जीवित रहने के लिए ऊर्जा चाहिए । यह ऊर्जा हमें भोजन से मिलती है, जिसे हम खाते हैं। पाचन के दौरान, भोजन सरल पदार्थों में टूट जाता है। उदाहरण के लिए चावल, आलू तथा ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता है। ये कार्बोहाइड्रेट टूटकर ग्लूकोस बनाते हैं। यह ग्लूकोस हमारे शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन से संयोग करते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस अभिक्रिया का विशेष नाम श्वसन है।
C 6H 12O 6 (aq) + 602 (aq) ——-→ 6CO2 (ar) + 6H2O (1) + ऊर्जा
ग्लूकोज चूँकि श्वसन अभिक्रिया में ऊष्मा निकलती है, अतः श्वसन अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
प्रश्न 15. प्रकाश-अपघटन अभिक्रिया से क्या समझते हैं ?
उत्तर: अपघटन अभिक्रिया : अपघटन या वियोजन वह अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के बड़े अणु के टूटने से दो या दो से अधिक पदार्थ बनते हैं, जिनके गुण मूल यौगिक के गुण से बिल्कुल भिन्न होते हैं।
प्रकाश-ऊर्जा द्वारा अपघटन :
2AgCl(s) —सूर्य का प्रकाश → 2Ag(s) + Cl 2 (g)
प्रश्न 16. वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है ?
उत्तर: वे अभिक्रियाएँ जिनमें दो या अधिक पदार्थ संयुक्त होकर केवल एक पदार्थ बनाते हैं, संयोजन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं तथा वे अभिक्रियाएँ जिनमें यौगिक दो अधिक सरल पदार्थों में टूटता है, वियोजन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। अतः वियोजन अभिक्रिया, संयोजन अभिक्रिया के बिल्कुल विपरीत है।
प्रश्न 17. रासायनिक अभिक्रिया से क्या समझते हैं ?
उत्तर: जब कोई रासायनिक परिवर्तन होता है तो हम कहते हैं कि रासायनिक अभिक्रिया हुई है। जैसे भोजन पकाना, अंगूर का किण्वन तथा साँस लेना आदि। ये सभी क्रियाएँ रासायनिक अभिक्रिया के कारण सम्पन्न होती हैं।
प्रश्न 18. संतुलित और असंतुलित समीकरण में क्या अन्तर है ?
उत्तर: रासायनिक समीकरण में तीर के दोनों ओर उपस्थित तत्त्वों में परमाणुओं की संख्या समान होनी चाहिए। ऐसे समीकरणों को संतुलित समीकरण कहते हैं। ऐसे समीकरण जिसमें अभिकारक और प्रतिफल तीर के चिह्न के साथ दर्शाये गए हैं किंतु तीर चिह्न के दोनों ओर उपस्थित परमाणुओं की संख्या समान नहीं हो, असंतुलित समीकरण कहलाता है।
प्रश्न 19. क्या श्वसन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है ? इसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सभी वस्तुओं को जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्त होती है। पाचनक्रिया के समय खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं। जैसे चावल, आलू, ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता है। इस कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज प्राप्त होता है। ग्लूकोज हमारे शरीर की कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करता है। इस अभिक्रिया का विशेष नाम श्वसन है। अतः श्वसन भी एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
प्रश्न 20. संक्षारण से क्या समझते हैं ? क्या आप दैनिक जीवन में इनके प्रभावों को देख सकते हैं ?
उत्तर: आप जानते हैं कि लोहे की बनी हुई नई वस्तुएँ चमकीली होती हैं। कुछ दिन बाद वायु में छोड़ दिए जाने पर इसकी सतह पर लालिमायुक्त भूरे रंग की परत चढ़ जाती है। इस प्रक्रिया को लोहे पर जंग लगना कहा जाता है। यह अभिक्रिया अन्य धातुओं की परतों पर भी होती रहती है और उनका रंग बदलता है। जब कोई धात अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है एवं संक्षारित हो जाती है तब इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। संक्षारण के कारण लोहे की बनी वस्तुएँ खराब हो जाती हैं।
प्रश्न 21. बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों की सफेदी करने में क्यों किया जाता है ?
उत्तर: कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है। सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद कैल्सियम कार्बोनेट का निर्माण होता है और इससे दीवार पर चमक आ जाती है। यही कारण है कि बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवार पर सफेदी करने में किया जाता है।
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